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दिल की ख़्वाहिश है
मैं जाऊँ वहाँ
और कोई न हो जहाँ।
और कोई शोर शराबा न हो
सिर्फ़ मेरे दिल की धड़कन सुनाई दे वहाँ।
दुनियादारी का कोई शोर न हो
अपने अंदर झांक सकूँ जहाँ।
अकेले में अपने आप से बातें कर सकूँ
अपने आप को समझने की कोशिश कर सकूँ वहाँ।
जिवन की दौड़ में अपने को भूल ही गया
अब अपने आप को कुछ वक्त दे सकूँ जहाँ।
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